Dhaka: प्रधानमंत्री शेख़ हसीना बुधवार को राष्ट्र को संबोधित किया। सभी की निगाहें प्रधानमंत्री (Prime Minister) के संबोधन पर थी लोग इंतज़ार कर रहे थे कि सरकार आगे किया करेगी। बता दे की बांग्लादेश में यूनिवर्सिटी (University) के छात्र बीते कुछ दिनों से सरकारी नौकरियों (Government Jobs)में आरक्षण का विरोध कर रहे है।


वहा की सरकार 1971 के मुक्ति युद्ध में लड़ने वाले सैनिकों के बच्चों के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण (Reservation) देने का प्रावधान कर रही है। इसी के ख़िलाफ़ छात्र बीते कुछ दिनों से रैलियां निकाल रहे थे। छात्रों का कहना है कि आरक्षण की ये व्यवस्था भेदभावपूर्ण है, जिसकी जगह पर मैरिट के आधार पर नौकरी दी जानी चाहिए।प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री के भाषण को खारिज़ करने में ज्यादा देरी नहीं की. इस भाषण के बाद आरक्षण विरोधी आंदोलनकारियों ने ‘पूर्ण बंद’ का आह्वान किया. रात से ही देश के विभिन्न इलाक़ों में हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए। आरक्षण के विरोध में जारी आंदोलन में अब तक बांग्लादेश के विभिन्न हिस्सों में कम से कम 32 लोगों की मौत हो चुकी है और हज़ारों लोग घायल हुए हैं।

आरक्षण का विरोध करने वाले सड़कों पर उतरे तो दूसरी ओर‌ पार्टी के विभिन्न संगठन भी सड़कों पर उतर आए। जिससे देश का माहौल और गर्म हो गया जिसे समान्य करने के लिए देश के कई हिस्सों में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है।


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