बिहार में फिर से  जंगल राज लौट रहा है। गुरुवार रात को बिहार के तीन जिलों में तीन हत्याएं हुई। सहरसा, खगड़िया और कटिहार जिले में हुई कानून व्यवस्था ठप। एक बुजुर्ग और एक युवती भी मरने वालों में शामिल हैं। आश्चर्य की बात यह है कि तीनों ही हत्याएं गोली मार कर की गई हैं। बदमाशों का यूं खुले आम गोली चलाना बिहार के कानून व्यवस्था पर कड़े प्रहार कर रहा है।


पहली हत्या सहरसा के पतरघट में की गई। यहां बदमाशों ने घर जा रहे एक मजदूर की गोली मार कर हत्या कर दी। दूसरी हत्या खगड़िया के गंगौर में की गई जहां एक बुजुर्ग को उसी के आंगन में मार दिया गया। तीसरी हत्या कटिहार जिले में की गई जहां एक 20 वर्षीय युवती को बदमाशों ने गोली मार दी। युवती एक केस के मामले में गवाही देने वाली थी।


सहरसा जिले के पतरघट में रहने वाले 48 वर्षीय मदन यादव को रात 11 बजे गोली मार कर मौत के घाट उतार दिया गया। मदन अपने घर से कुछ दूर अपनी मोटरसाइकिल से मजदूरी करने गए थे। काम से लौट रहे मोहन की मोटरसाइकिल रुकवा कर बदमाशों ने गोली मार कर हत्या कर दी। 4 गोली लगने पर मदन की मौत हो गई। इस वारदात की सूचना पुलिस को मिलने के बाद पुलिस ने शव को पोस्मार्टम के लिए भेजा। पुलिस ने इस हत्या की वजह ज़मीन विवाद बताया है। मदन के परिवार ने हत्या का शक पड़ोसी पर जताया है।

खगड़िया के गंगौर में अपने आंगन में सोए एक बुजुर्ग व्यक्ति को गोली मार दी गई। मरने वाले बुजुर्ग  अन्नू यादव की उम्र 68 वर्ष बताई जा रही है।बुजुर्ग के परिजनों ने रंगदारी वसूल करने वालें बदमाशों पर हत्या का आरोप लगाया है तथा उन्हें जल्द हिरासत में लेने की मांग की है।

कटिहार जिले के फलका में रहने वाली अंजली की भी हत्या देर रात गोली मार कर की गई। अंजली अपने आंगन में सो रही थी तभी बदमाश घर में घुसे और उसे गोली मार दी। 20 वर्षीय अंजली  2 अगस्त को पॉक्सो एक्ट के तहत कोर्ट में गवाही देने वाली थी।


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