यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) ने एक अभिलाषी पहल,मूनलाइट लूनर कम्युनिकेशन एंड नेविगेशन सर्विसेज (LCNS) कार्यक्रम शुरू किया है। यह निज्ञापन अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष यात्री कांग्रेस में की गई थी।
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य अगले दो दशकों में विभिन्न अंतरिक्ष एजेंसियों और निजी फर्मों द्वारा चंद्रमा पर 400 से अधिक नियोजित मिशनों का प्रोत्साहन करना है।
LCNS कार्यक्रम पृथ्वी और चंद्रमा के बीच उच्च गति, कम विलंबता संचार और डेटा ट्रांसफर की सुविधा प्रदान करते हुए सटीक, स्वायत्त अवतरण (लैंडिंग) और सतह की गतिशीलता को सुगम बनाएगा ।
इसके अलावा, यह चंद्रमा पर मानवता की वापसी और दीर्घकालिक उपस्थिति में एक अत्यावश्यक भूमिका निभाएगा,साथ ही दक्षता (निपुणता)में वृद्धि करेगा और परिचालन और उपयोगकर्ता लागत को काफी कम करेगा। मुनलाइट में पांच उपग्रह शामिल होंगे – चार नेविगेशन के लिए और एक संचार के लिए – तीन समर्पित ग्राउंड स्टेशनों के माध्यम से पृथ्वी से जुड़ेंगे। यह 400,000 किमी तक फैला हुआ डेटा नेटवर्क तैयार करेगा।
मिशन के बारे में बात करते हुए, ESA के महानिदेशक,Josef Aschbacer, ने कहा कि एजेंसी भविष्य के साथ-साथ चल रही है और भविष्य के चंद्र मिशनों का समर्थन करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। कार्यक्रम के हिस्से के रूप में, पहला कदम 2026 में सरे सैटेलाइट टेक्नोलॉजी लिमिटेड द्वारा निर्मित लूनर पाथफाइंडर (एक संचार प्रसारण उपग्रह) का प्रक्षेपण होगा।
यह एक महानत्वकांशी और दुरदर्शी प्रयास है जो भविष्य में चंद्रमा पर दीर्घकालिक मानव उपस्थिति की संभावनाओं को और सशक्त बनाएगा।
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