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Muzaffarnagar: कावड़ यात्रा से पहले मुजफ्फरनगर में पुलिस का अनोखा आदेश

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कांवड़ यात्रा के शुरू होने से पहले मुजफ्फरनगर पुलिस (Muzaffarnagar Police) ने एक नया और अनोखा आदेश जारी किया है। इस आदेश के अनुसार, सभी खाने-पीने के ठेलों और दुकानों पर दुकानदारों के नाम और प्रोपराइटर (Proprietor) का नाम स्पष्ट रूप से डिस्प्ले किया जाना अनिवार्य कर दिया गया है। 22 जुलाई से शुरू होने वाली इस कांवड़ यात्रा के मद्देनजर पुलिस ने यह कदम उठाया है ताकि किसी प्रकार की असमंजसता (Anti Social) और विवाद से बचा जा सके।

दुकानदारों ने लगाए अपने नाम के बोर्ड

मुजफ्फरनगर के विभिन्न ठेलों (Stall) और दुकानों (Shop) पर अब आरिफ आम वाला, निसार फल वाला जैसे नाम लिखे हुए पोस्टर (Poster) देखने को मिल रहे हैं। पुलिस के निर्देशानुसार, कांवड़ यात्रा रूट पर स्थित सभी दुकानदारों ने अपने-अपने नाम और दुकानों का विवरण बोर्ड पर लिखकर टांग दिया है। इस कदम से कांवड़ियों को यह जानने में आसानी होगी कि वह किसकी दुकान से सामान खरीद रहे हैं।

कांवड़ यात्रा के महत्व और सुरक्षा के लिए उठाया गया कदम

मुजफ्फरनगर का कांवड़ रूट करीब 240 किलोमीटर लंबा है और यह जिला कांवड़ यात्रा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यहां से होकर कांवड़िए हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों में जाते हैं। इसीलिए, मुजफ्फरनगर पुलिस ने यह सुनिश्चित किया है कि यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की समस्या न हो। एसएसपी अभिषेक सिंह ने बताया कि यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि किसी भी कांवड़िए के मन में कोई संदेह या भ्रम न रहे और शांति और व्यवस्था बनी रहे।

ओवैसी का विवादास्पद बयान

इस आदेश को लेकर AIMIM के चीफ और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Owaisi) ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) पुलिस के आदेश के अनुसार अब हर खाने वाली दुकान या ठेले के मालिक को अपना नाम बोर्ड पर लगाना होगा ताकि कोई कांवड़िया गलती से मुसलमान की दुकान से कुछ न खरीद ले। इसे दक्षिण अफ्रीका में अपारथाइड कहा जाता था और हिटलर की जर्मनी में इसका नाम ‘Judenboycott’ था।”


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