शनिवार, 27 जुलाई को नेशनल इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया (NITI Aayog) की नौवीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में यह मीटिंग होगी। नीति आयोग की संस्था काउंसिल में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल शामिल हैं।


बैठक में भारतीय जनता पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों का शामिल होना तय है। केंद्र में NDA के सहयोगी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अभी तक अपनी उपस्थिति की पुष्टि नहीं की है। विपक्षी दलों के कई मुख्यमंत्रियों ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार किया है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी बैठक में शामिल होंगी। उन्होंने यहा साफ कर दिया है की वह बैठक के दौरान केंद्रीय बजट 2024-25 में विपक्षी शासित राज्यों के प्रति केंद्र के “सौतेले व्यवहार” के खिलाफ आवाज उठाने वाली है।

ममता ने बैठक से पहले का कुछ कहा
ममता ने शुक्रवार को मीडिया से कहा की “बजट से पहले मैंने कहा था कि मैं बैठक में शामिल होंगी। मेरे लिखित भाषण की एक प्रति उनकी आवश्यकता के अनुसार नीति आयोग को भी भेजी गई। जब बजट रखा गया तो मैंने पाया कि किस तरह विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों की उपेक्षा की गई है। उनके साथ सौतेला व्यवहार किया गया। मैं इस बारे में बोलना चाहता हूं. अगर वे मुझे बोलने की अनुमति देते हैं तो ठीक है। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो मैं विरोध करूंगी और चली जाऊंगी।”

नौवीं गवर्निंग बैठक में विकसित भारत@2047 पर विज़न दस्तावेज़ के लिए ‘approch paper’ पर चर्चा की जाएगी और इस लक्ष्य को प्राप्त करने में राज्यों की भूमिका पर विस्तृत विचार-विमर्श किया जाएगा।

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कोई पुष्टि नहीं की है की वह आयेंगे या नही।


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