बक्सर (बिहार): बक्सर जिले के नावानगर प्रखंड स्थित बारालेव (पीलापुर) मौजा में काले हिरणों के लिए प्रस्तावित अभ्यारण्य का निर्माण कार्य भूमि विवाद के कारण अटक गया है। सरकार द्वारा 12 एकड़ आनावाद जमीन अभ्यारण्य निर्माण के लिए चिह्नित की गई थी, लेकिन अंचल कार्यालय द्वारा इसी जमीन पर भूमिहीनों को पर्चा काटे जाने से विवाद खड़ा हो गया है।
प्रशासनिक प्रक्रिया पूरी, पर जमीन हस्तांतरण अटका
जानकारी के अनुसार, भटौली पंचायत के अंतर्गत आने वाली यह जमीन सरकारी खाते में दर्ज थी। तत्कालीन सीओ अमरेश कुमार ने इसका मापी कराकर प्रस्ताव जिला प्रशासन को भेजा था। प्रस्ताव को जिले से मंजूरी मिलने के बाद बिहार सरकार ने इसे मंत्रिपरिषद की स्वीकृति दे दी और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग को सौंपा गया।
हालांकि, इसी दौरान अंचल कार्यालय द्वारा कुछ भूमिहीनों को इस जमीन का पर्चा (अधिकार पत्र) दे दिया गया, जिससे विवाद पैदा हो गया। इस कारण अभ्यारण्य निर्माण के लिए जमीन का औपचारिक हस्तांतरण विभाग को अब तक नहीं हो सका है।
इस अभ्यारण्य के बनने से न सिर्फ दुर्लभ काले हिरणों को सुरक्षित आवास मिलेगा, बल्कि बक्सर के पर्यटन को भी नया आयाम मिलेगा। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि विवाद जल्द सुलझाने के प्रयास किए जा रहे हैं। जिला प्रशासन का कहना है कि भूमि विवाद को सुलझाने के लिए संबंधित पक्षों से बातचीत चल रही है। अगर जमीन का हस्तांतरण जल्द हो जाता है, तो अभ्यारण्य निर्माण का काम फिर से शुरू किया जा सकता है।
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