बिहार के दरभंगा से उत्तर प्रदेश के वाराणसी जा रही पवन एक्सप्रेस (11062) में एक बुजुर्ग यात्री की जान उस समय बच गई, जब ट्रेन में मौजूद टीटीई सविंद कुमार ने सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रीससिटेशन) देकर उसे जीवनदान दिया। यह घटना रेल यात्रियों और रेलवे अधिकारियों के लिए एक मिसाल बन गई है।
जानकारी के अनुसार, बीपी कर्ण नामक यात्री अपने भाई के साथ पवन एक्सप्रेस के प्रथम श्रेणी कोच में सफर कर रहे थे। सफर के दौरान कर्ण को अचानक सीने में दर्द हुआ और वह बेहोश हो गए। उनके भाई ने तुरंत रेलवे के ‘रेल मदद’ पोर्टल के माध्यम से सहायता की गुहार लगाई।
रेल मदद के जरिए जैसे ही टीटीई सविंद कुमार को सूचना मिली, उन्होंने बिना देरी किए उस कोच में पहुंचकर स्थिति संभाली। कर्ण के भाई ने अपने पारिवारिक डॉक्टर से फ़ोन पर संपर्क किया, जिन्होंने सीपीआर देने की सलाह दी। टीटीई सविंद कुमार ने डॉक्टर की हिदायतों का पालन करते हुए लगभग 15 मिनट तक सीपीआर दिया, जिससे बुजुर्ग यात्री ने होश में आकर राहत की सांस ली।
चंपारण स्टेशन पर चिकित्सा सुविधा
जब ट्रेन छपरा स्टेशन पर पहुंची, तब तक रेलवे की ओर से एक मेडिकल टीम तैयार खड़ी थी। बुजुर्ग यात्री को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी आगे की चिकित्सा की गई।
इस घटना के बाद रेलवे के अधिकारियों ने टीटीई सविंद कुमार की बहादुरी और सूझबूझ की प्रशंसा की। रेलवे के मंडल प्रबंधक विवेक भूषण सूद ने घोषणा की कि सविंद कुमार को इस साहसिक कार्य के लिए सम्मानित किया जाएगा और उन्हें नकद पुरस्कार भी प्रदान किया जाएगा। रेलवे प्रशासन ने उनके इस कार्य पर गर्व जताया है।
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