वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 के लोकसभा में पेश होते ही राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि यह विधेयक वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता लाने के लिए लाया गया है। उन्होंने विपक्ष से सवाल करते हुए कहा, “क्या यह पहली बार है जब वक्फ अधिनियम में संशोधन किया जा रहा है? मुझे लगता है कि इससे उनके वोट बैंक पर असर पड़ेगा। वे लोगों को गुमराह करना चाहते हैं।”
वहीं, भाजपा नेता स्मृति ईरानी ने इस विधेयक को लेकर कहा, “यह सरकार द्वारा उठाया गया एक बहुत ही रचनात्मक कदम है ताकि गरीब मुस्लिम परिवारों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों के अधिकारों की रक्षा हो सके। वर्षों से, मुस्लिम समुदाय वक्फ बोर्डों के संचालन को लेकर चुनौतियों का सामना कर रहा था, विभिन्न राज्यों में इसके संचालन को लेकर परिवर्तन की मांग की जा रही थी। मुस्लिम समुदाय की महिलाओं से उनकी संपत्ति के अधिकार छीन लिए गए थे। कई राज्यों में महिलाओं ने इस बात पर भी संघर्ष किया कि वक्फ बोर्ड ‘खुल्ला’ दे रहे थे, जिसका अर्थ है कि वे तलाक, शादी और शादी रद्द करने के मुद्दों पर निर्णय ले रहे थे। मैं प्रसन्न हूँ कि अधिनियम के प्रावधानों और वक्फ बोर्डों के संचालन को अब बड़े पैमाने पर प्रौद्योगिकी के साथ जोड़ा जाएगा। हर भारतीय को यह अधिकार है कि उनकी संपत्तियों को राजस्व अधिकारियों द्वारा प्रमाणित किया जाए, और नया संशोधन इसके लिए प्रावधान करता है।”
इसके विपरीत, शिवसेना (UBT) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इस विधेयक की आलोचना करते हुए कहा, “यह विधेयक जल्दबाजी में लाया गया है। यह उनके राजनीतिक टूलकिट का हिस्सा बन गया है, ताकि हिंदू-मुस्लिम मुद्दों पर बहस कर सकें और इसका फायदा (विधानसभा) चुनावों में उठा सकें। हालांकि, महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में यह काम नहीं करेगा।”
विधेयक पर चर्चा के दौरान यह साफ हो गया है कि आगामी चुनावों से पहले यह मुद्दा राजनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण हो गया है। अब देखना होगा कि इस विधेयक पर संसद और देश में आगे क्या होता है।
Read: नेपाल के त्रिभुवन एयरपोर्ट पर प्लेन क्रैश, 19 लोग थे सवार
Visit: https://www.facebook.com/Untoldthemedia
Discover more from The Untold Media
Subscribe to get the latest posts sent to your email.