नई दिल्ली स्टेशन पर मची भगदड़ पे मुआवजे की राजनीति या असल संवेदनशीलता?

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15 फरवरी की रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्म नंबर 14 पर एक ऐसा हादसा हुआ, जिसने न सिर्फ राजधानी को बल्कि पूरे देश को हिला कर रख दिया। श्रद्धालुओं से भरे प्लेटफार्म पर मची भगदड़ में 18 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई, जिनमें बिहार के 9 लोग शामिल हैं। घटनास्थल पर अफरातफरी का आलम था और प्रशासन के पास उसे नियंत्रित करने का वक्त नहीं था। इस घटना के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया और घायलों को 50 हजार रुपये की राहत राशि देने की घोषणा की।

नीतीश कुमार का यह कदम राजनीति के लिहाज से काफी अहम माना जा रहा है, खासकर आगामी बिहार विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए। क्या यह मुआवजा सचमुच संवेदनशीलता का प्रतीक है या फिर चुनावी रणनीति का हिस्सा?

नीतीश कुमार की मुआवजे की घोषणा: संवेदनशीलता या चुनावी दांव?

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ट्विटर पर इस दुखद घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा, “नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में लोगों की मृत्यु अत्यंत दुखद है। मृतकों के परिजनों को इस कठिन समय में धैर्य रखने की शक्ति मिले, यही भगवान से प्रार्थना है।” उन्होंने मृतकों के परिजनों के लिए 2 लाख रुपये की मुआवजा राशि देने और घायलों के लिए 50 हजार रुपये की मदद देने की घोषणा की।

लेकिन क्या यह मुआवजा केवल संवेदनशीलता का परिणाम है, या फिर आने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर एक राजनीतिक कदम है? नीतीश कुमार की इस घोषणा को कई राजनीतिक हलकों में चुनावी रणनीति के रूप में देखा जा रहा है, जो खासतौर पर बिहार के ग्रामीण और मध्यवर्गीय वोटरों को ध्यान में रखते हुए किया गया है। चुनावी साल में इस तरह के फैसले अक्सर राजनीतिक दृष्टिकोण से अहम हो जाते हैं।

भागलपुर में मोदी की रैली: चुनावी गर्मी में मुआवजे की राजनीति

इस सबके बीच, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मुआवजे की घोषणा के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्च में भागलपुर में एक विशाल रैली आयोजित करने का ऐलान किया है। इस रैली में पीएम मोदी बिहार के किसानों के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 19वीं किस्त जारी करेंगे। यह रैली विधानसभा चुनावों की तैयारियों का हिस्सा मानी जा रही है।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस रैली के दौरान पीएम मोदी बिहार के किसानों और ग्रामीण वोटरों को कैसे लुभाते हैं। क्या मोदी की यह रैली और नीतीश कुमार की मुआवजे की घोषणा दोनों मिलकर बिहार की सियासत में कोई बड़ा उलटफेर करेंगे?

Nitish Kumar gave financial support to stempede sufferers as election is near in Bihar
Nitish Kumar and Narendra Modi: Profile photo

तेजस्वी यादव का आरोप: प्रशासन की लापरवाही पर सवाल

घटना पर विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राज्य में प्रमुख विपक्षी नेता तेजस्वी यादव ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। तेजस्वी ने इस हादसे पर प्रशासन की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने इस भीड़ को सही समय पर नियंत्रित नहीं किया, जिसकी वजह से इतनी बड़ी घटना घटी। हालांकि, तेजस्वी ने मुआवजे का स्वागत किया, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि बिहार सरकार को मृतकों के शवों को लाने के लिए पहल करनी चाहिए।

अब सवाल यह उठता है कि क्या मुआवजा केवल एक चुनावी रणनीति है या वास्तव में सरकार और प्रशासन इस दुखद घटना के प्रति संवेदनशील हैं? राजनीति के खेल में जब जनता के दुख-दर्द का इस्तेमाल किया जाता है, तो हर कदम को गहरे राजनीतिक दृष्टिकोण से देखा जाता है। बिहार में विधानसभा चुनावों की आहट के बीच, नीतीश कुमार और मोदी दोनों ही चुनावी लाभ के लिए कदम बढ़ाते दिखाई दे रहे हैं।

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