तिरुवनंतपुरम: प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी 10 अगस्त को वायनाड में भूस्खलन प्रभावित स्थलों का दौरा करने वाले हैं।केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने गुरुवार को जानकारी दी। गुरुवार को तिरुवनंतपुरम में एक संवाददाता सम्मेलन में भाषण देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है की इसे राष्ट्रीय आपदा और गंभीर आपदा घोषित कर दे।

बता दे की 30 जुलाई को वायनाड के चूरलमाला और मुंडक्कई में बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुआ। जिससे जान माल  को व्यापक रूप से तबाही का सामना करना पड़ा है। मुख्यमंत्री ने कहा, “इस संबंध में केंद्र सरकार ने रिपोर्ट सौंपने के लिए नौ सदस्यीय समिति नियुक्त की है। समिति के अध्यक्ष ने आज दौरा किया और हमें पुनर्वास के लिए केंद्रीय सहायता मिलने की उम्मीद है।” उन्होंने केंद्र से अनुरोध करते हुए कहा की, “हम उम्मीद करते हैं कि प्रधानमंत्री स्थिति को पहले से समझेंगे और अनुकूल रुख अपनाएंगे।” मुख्यमंत्री ने कहा कि वायनाड में अब तक 420 शवों का पोस्टमार्टम किया जा चुका है और तलाशी अभियान जारी रहेगा।

“सरकारी आकरो के हिसाब से भूस्खलन में अभी तक 225 लोगों की मौत हो चुकी है। 195 व्यक्तियों के शरीर के अंग विभिन्न स्थानों पर पाए गए हैं। शरीर के इन हिस्सों के डीएनए नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं। ताकि उन लोगों की पहचान कि जा सके। अभी भी रेस्क्यू टीम द्वारा तलाश जारी है। 420 शवों का पोस्टमॉर्टम किया गया है, 178 शव रिश्तेदारों को सौंप दिए गए हैं और 233 को दफनाया गया है।” उन्होंने यह भी कहा कि वायनाड में संग्रह केंद्र में लगभग सात टन कपड़े प्राप्त हुए थे, लेकिन अधिकांश इसका उपयोग किया गया। ”शिविरों में सामग्री एकत्र करने और भेजने की कोई आवश्यकता नहीं है। वायनाड के संग्रह केंद्र में सात टन कपड़े आ चुके हैं, लेकिन इनमें से कोई भी उपयोग योग्य नहीं है क्योंकि इसमें पूरी तरह से इस्तेमाल किए हुए कपड़े हैं। सभी सात टन कपड़ों को प्रसंस्करण के लिए भेजना पड़ा, जो एक उपद्रव बन गया है।” मुख्यमंत्री ने कहा।

दस दिनों तक चले बचाव अभियान को पूरा करने के बाद भारतीय सेना कल‌ वायनाड छोड़ने के लिए तैयार है। आगे के  सर्च ऑपरेशन एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, फायर फोर्स और केरल पुलिस की फोर्स को सौंपा जाएगा।


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