बुधवार, 21 अगस्त को केंद्र सरकार ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार को Z+ सुरक्षा प्रदान की थी। इस पर शरद पवार ने 23 अगस्त को  तंज कसते हुए कहा कि सरकार ने मेरी प्रामाणिक जानकारी के लिए ये चाल चला होगा। विधानसभा चुनाव अब नजदीक है इसलिए केंद्र सरकार ने ऐसा कदम उठाया होगा। शरद पवार 4 बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले चुके हैं। इसके साथ वह बीसीसीआई और आईसीसी के सचिव भी रह चुके हैं।


कुछ दिन पहले ही भारत सरकार ने महाराष्ट्र के पूर्व सीएम शरद पवार को Z+ सुरक्षा देने का निर्णय लिया था। लेकिन शरद पवार की इस बात पर प्रतिक्रिया से ऐसा प्रतीत होता है कि उन्हें ये Z+ सुरक्षा पसंद नहीं आ रही है। मीडिया ने हाल ही में उनसे इस बात को लेकर सवाल पूछा था, जिसपर उनकी प्रतिक्रिया इस फैसले के पक्ष में नहीं दिखी। उन्होंने केंद्र के इस फैसले को चुनावी सियासत बताया है।


शरद पवार ने कहा कि भारत के गृह मंत्रालय के एक व्यक्ति ने सबसे पहले उन्हें इस बात की सूचना दी थी। उसने पवार को बताया था कि भारत सरकार ने तीन नेताओं को Z+ सुरक्षा मुहैया की है। उस तीन नेताओं में एक नाम मेरा भी था। अधिकारी ने उन्हें बताया कि मेरे अलावा आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत और गृह मंत्री अमित शाह को भी सुरक्षा प्रदान की गई है।


नियम के मुताबिक, देश के हर एक वीआईपी को Z+ सुरक्षा प्रदान की जाती है। Z+ सुरक्षा में बहुत ही  कड़ी सुरक्षा वीआईपी को प्रदान की जाती है। 58 सशस्त्र कर्मी को Z+ सुरक्षा में तैनात किया जाता है।

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