गुरुवार, 26 अगस्त को भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने झारखंड के धनबाद में ‘परिवर्तन महासभा’ को संबोधित किया। अपने भाषण के दौरान उन्होंने झारखंड की जनता से बात की। उन्होंने कहा कि “झारखंड में राजनीतिक बदलाव की आहट साफ सुनाई दे रही है, और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) की सरकार का दौर खत्म होने को है। अब इस दल को सत्ता से हटने से कोई नहीं रोक सकता।जेएमएम के बारे में आजकल एक नया मजाक चल पड़ा है—”जमकर मलाई मारो,” और राज्य के मुख्यमंत्री तो मानो ‘रेत से भी तेल’ निकालने की कला में निपुण हो गए हैं।”

इस पर उन्होंने आगे कहा कि “झारखंड के आदिवासी समाज का इतिहास सदियों पुराना और गौरवमयी है, लेकिन आज राज्य के विकास में तीन बड़े ‘बाधक’ हैं—झामुमो, राजद और कांग्रेस।
एक सवाल यह भी उठता है कि चंपई सोरेन का दोष क्या था, जो उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटा दिया गया? क्या गरीब परिवार से आना और ईमानदार नेता होना उनकी गलती है?”

उन्होंने कहा कि “पिछले चुनाव में झारखंड की जनता ने जेएमएम को मौका दिया था, लेकिन आज जनता खुद को छला हुआ महसूस कर रही है। सरकार ने भ्रष्टाचार को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया है।”

इसके अलावा, राजनाथ सिंह ने झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठियों के मुद्दे पर भी गंभीर रूप से बात की। उन्होंने जनता को आश्वासन दिया की भाजपा की सरकार झारखंड में बनते ही बांग्लादेशी घुसपैठियों को बाहर निकाला जाएगा।

साथ ही, ‘एक देश, एक चुनाव’ की योजना पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा होने पर देश को करीब 4 लाख करोड़ रुपये की बचत हो सकती है। इससे देश को ही फायदा होगा।


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