झारखंड के बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने बहुत बड़ा दावा किया। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया कि उत्पाद सिपाही भर्ती की प्रक्रिया के दौरान हुई दौड़ में 10 अभ्यर्थियों की मौत हुई है।
मरांडी ने कहा कि, “अभ्यर्थियों को आधी रात से लाइन में खड़ा कर के रखा गया था। और फिर अगले दिन झुलसा देने वाली धूप में दौड़ाया गया। भर्ती केंद्रों पर स्वास्थ्य सुविधा का समुचित प्रबंध तक नहीं किया गया है। दौड़ के लिए चयनित मार्ग पर सरकार के द्वारा पर्याप्त संसाधनों की व्यवस्था नहीं की गई है।”
“मौत का दौर”: बाबूलाल
बाबूलाल मरांडी ने एक्स पर पोस्ट कर हेमंत सरकार पर आरोप लगाया कि, “सोरेन के कुव्यवस्था और जिद के कारण उत्पाद सिपाही भर्ती प्रक्रिया की दौड़ अब ‘मौत की दौड़’ बन चुकी है। इस ‘मौत की दौड़’ में राज्य के 10 बेरोजगार युवा असमय काल के गाल में समा गए हैं। कई घरों के चिराग बुझ गए हैं, कई मां-बाप बेसहारा हो गए हैं।”
खराब व्यवस्था को लेकर किया हमला
उन्होंने कहा कि, “अभ्यर्थियों को आधी रात से लाइन में खड़ा रखा गया। और फिर अगले दिन झुलसा देने वाली धूप में दौड़ाया जा रहा है।” भर्ती केंद्रों पर स्वास्थ्य सुविधा का समुचित प्रबंध तक नहीं होने का गंभीर आरोप लगाया।
4 सालों तक युवाओं को बेरोजगार रखने के बाद भी तसल्ली नहीं मिली, तो वे अब युवाओं के जान लेने पर ही उतारू हो गए हैं। बाबूलाल ने अपने पोस्ट में कहा।
मरांडी ने कहा कि,”अभ्यर्थियों ने आवेदन देकर उत्पाद सिपाही भर्ती प्रक्रिया की दौड़ में हो रही अव्यवस्था के संदर्भ में अवगत कराया। सरकार अविलंब मृत युवाओं के आश्रितों को मुआवजा तथा नौकरी उपलब्ध कराए। साथ ही उन्होंने इस मामले की न्यायिक जांच की भी मांग की।
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