भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर 9 अगस्त से 11 अगस्त तक मालदीव दौरे पर जायेंगे। पिछले कई समय से मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू अपने देश को चीन के करीब ले जाने का प्रयास कर रही थी। जिस कारण वर्ष भारत और मालदीव के संबंधों में परेशानी आई है। एस जयशंकर इस द्विपक्षीय वार्ता से संबंधों को मजबूती देने और सहयोग के नए रास्ते तलाशने पर ध्यान देंगे।

मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू ने हाल में ही भारत दौरा किया था। उन्होंने अपने दौरे में नए मंत्रिमंडल और मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह में भी भाग लिया था।

गुरुवार रात को विदेश मंत्रालय ने यात्रा के बारे में घोषणा करते हुए कहा कि मालदीव भारत का “प्रमुख समुद्री पड़ोसी और नई दिल्ली की “पड़ोसी पहले नीति” (Neighborhood first policy) और क्षेत्र में सभी के लिए सागर या सुरक्षा और विकास के दृष्टिकोण में एक महत्वपूर्ण भागीदार है।

भारत और मालदीव के संबंध पहले काफी अच्छे थे। दोनों देशों के रिश्तों में खटास तब आई जब “इंडिया आउट” अभियान के तहत राष्ट्रपति मुइज्जू सत्ता में आए। सत्ता में आते ही हिंद महासागर द्वीपसमूह में तैनात 80 से अधिक भारतीय सैन्य कर्मियों को हटाने की मांग की। बता दे की मालदीव में दो हेलीकॉप्टर और एक विमान है। जिसका उपयोग चिकित्सा निकासी और मानवीय राहत कार्यों के लिए किया जाता है। भारत ने इस साल की शुरुआत में सैन्य कर्मियों को नागरिक विशेषज्ञों से बदलने की प्रक्रिया पूरी की।

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