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रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता: भारतीय सेना की नई उपलब्धि

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New Delhi: भारतीय सेना अब विश्व की अन्य सेनाओं से कम नहीं है। रक्षा मंत्रालय के राज्य मंत्री, संजय सेठ, ने आज दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान यह बात कही। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संकल्प है कि हमारे सशस्त्र बल आत्मनिर्भर बनें।

दस साल पहले, हम हथियारों और गोला-बारूद के लिए दुनिया के सामने हाथ जोड़े खड़े होते थे, लेकिन अब हम 70 प्रतिशत आत्मनिर्भर हो चुके हैं। यह आत्मनिर्भरता न केवल हमारी सेना की ताकत बढ़ाएगी, बल्कि हमारे सैनिकों का मनोबल भी ऊंचा करेगी।

यह उल्लेखनीय है कि आत्मनिर्भरता की दिशा में यह प्रगति कई योजनाओं और परियोजनाओं के माध्यम से संभव हो पाई है। उदाहरण के लिए, रक्षा उत्पादन में घरेलू उद्योगों को बढ़ावा दिया गया है और स्वदेशी हथियारों और तकनीकों के विकास पर जोर दिया गया है। संजय सेठ ने कहा कि आत्मनिर्भरता के इस कदम से भारतीय सेना की क्षमता और प्रतिष्ठा में भी बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि यह न केवल हमारे सैनिकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा, बल्कि उन्हें आत्मविश्वास और गर्व भी प्रदान करेगा।

डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा

आत्मनिर्भरता के इस स्तर तक पहुंचने में विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ा। लेकिन, इन चुनौतियों के बावजूद, सरकार ने ठोस नीतियों और रणनीतियों के माध्यम से इस दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है। संजय सेठ ने इस बात पर जोर दिया कि आत्मनिर्भरता की यह यात्रा अभी समाप्त नहीं हुई है। आने वाले समय में, और भी अधिक प्रगति की उम्मीद है, जिससे हमारी सेना और भी मजबूत और सक्षम बनेगी।

संजय सेठ ने इस बात पर जोर दिया कि आत्मनिर्भरता की यह यात्रा अभी समाप्त नहीं हुई है। आने वाले समय में, और भी अधिक प्रगति की उम्मीद है, जिससे हमारी सेना और भी मजबूत और सक्षम बनेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘संकल्प’ हमारे सशस्त्र बलों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है, और यह भारतीय सेना को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद करेगा।


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