सोमवार, 26 अगस्त को प्रधानमंत्री द्वारा अनावृत की गई छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढह गई। प्रधानमंत्री द्वारा इस भव्य प्रतिमा का अनावरण पिछले साल किया गया था। यह प्रतिमा महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले के राजकोट किले में स्थित था। दोपहर करीब 1 बजे के करीब इस प्रतिमा के ढहने की खबर सामने आई। छत्रपति शिवाजी महाराज की यह भव्य प्रतिमा 35 फुट लंबा था। 4 दिसंबर 2023 को नौसेना दिवस मौके पर इस प्रतिमा का अनावरण प्रधानमंत्री द्वारा किया गया था।

तेज़ बारिश और हवा के कारण ढह गई प्रतिमा

कई विशेषज्ञों का मानना है कि शिवाजी महाराज की प्रतिमा इलाके में कुछ दिनों से हो रही तेज़ बारिश और तेज हवा के बहने के कारण ऐसा हुआ है। घटना की खबर मिलते ही इलाके की पुलिस और प्रशासन मौके पर पहुंची और हालातों का जायजा लिया।

जानिए मुख्यमंत्री ने क्या कहा

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने पीटीआई को बताते हुए कहा कि “ हमारी भावनाएं छत्रपति शिवाजी महाराज के साथ जुड़ी हुई हैं। वह हमारे लिए पूज्य देवता के समान है। यह बहुत दुर्भाग्य की बात है कि प्रधानमंत्री द्वारा अनावृत उनकी प्रतिमा ढह गई। कई दिनों से हो रही तेज़ बारिश और करीब 45 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से बह रही तेज़ हवा के कारण ऐसा हुआ है। हमारे मंत्री घटनास्थल पर पहुंचे है और स्तिथि का निरीक्षण कर रहे हैं।”

विपक्ष ने साधा सरकार पर निशाना

एनसीपी (एसपी) के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने बयान देते हुए कहा कि “प्रतिमा ढहने की खबर से कई शिव प्रेमियों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। छत्रपति महाराज की यह प्रतिमा बनाते वक्त सावधानी नहीं बरती गई होगी। प्रतिमा को बनाते समय भी घोटाला किया गया होगा। इसी कारण महाराज की प्रतिमा तेज हवा के सामने टिक नहीं पाई होगी। इसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार को लेनी होगी।”


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