पटना :- राष्ट्रीय जनता दल के नेता श्याम रजक ने राष्ट्रीय महासचिव और दल से त्याग पत्र दे दिया जिसकी जानकारी राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को पत्र के माध्यम से दी गई है!
2020 में विधानसभा चुनाव से पहले आरजेडी जॉइन की थी

श्याम रजक अगस्त 2020 में उद्योग मंत्री का पद छोड़ने वाले थे। इससे पहले ही JDU ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया। JDU के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया था। श्याम रजक का विधानसभा क्षेत्र फुलवारी शरीफ रहा है।आरजेडी से नाराज चल रहे थे श्याम रजक

सियासी पंडितों की माने तो बिहार सरकार के कई विभागों में मंत्री रह चुके श्याम रजक आरजेडी में काफी नाराज चल रहे थे। RJD ने न तो उन्हें लोकसभा चुनाव में टिकट दिया, न राज्यसभा भेजा और ना ही विधान परिषद। RJD ने मनोझ झा को दोबारा राज्यसभा भेज दिया। श्याम रजक की जाति, धोबी समाज से मुन्नी रजक को विधान परिषद भेज दिया गया। चर्चा है कि आरजेडी ने उन्हें आश्वासन के साथ लायी थी लेकिन उसे पूरा नहीं किया।

कहा जा रहा है कि श्याम रजक फुलवारी सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं। जदयू चाहे तो वह अरुण मांझी की जगह उन्हें मौका दे सकती है। सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक श्याम रजक की गुप्त मुलाकात कुछ दिनों पहले नीतीश कुमार से भी हुई है।

2020 में वो चुनाव से पहले आरजेडी के साथ गए थे। तब उम्मीद थी कि उन्हें विधानसभा चुनाव का टिकट दिया जाएगा। यह सीट माले के हिस्से में चली गई। माले ने गोपाल रविदास को प्रत्याशी बनाया और वो चुनाव जीत भी गए।
RJD को बड़ा झटका लगा है. लालू यादव के करीबी माने जाने वाले श्याम रजक ने राजद की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. सूत्रों के अनुसार उन्होंने बुधवार को राजद की प्राथमिक सदस्यता छोड़ दी. श्याम रजक को लालू परिवार के करीबी नेताओं में माना जाता है. वे बिहार सरकार में मंत्री भी रहे हैं. अब उनके राजद छोड़ने को लालू- तेजस्वी यादव के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. खाकर विधानसभा चुनाव के करीब एक साल पहले रजक बिरादरी से आने वाले श्याम रजक के राजद छोड़ने से यह


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