सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) सिविल सेवा परीक्षा में फर्जी ओबीसी और दिव्यांगता (PwD) प्रमाणपत्र जमा करने के आरोप में फंसी पूर्व IAS प्रोबेशनरी अधिकारी पूजा खेडकर को अग्रिम जमानत दे दी। इससे पहले, 15 अप्रैल को कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए अंतरिम राहत दी थी, जिसे आगे बढ़ा दिया गया था।
पूजा खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने UPSC परीक्षा 2022 में ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) और दिव्यांगजन श्रेणी का गलत लाभ उठाने के लिए जाली प्रमाणपत्र प्रस्तुत किए। इसके बाद महाराष्ट्र पुलिस ने उनके खिलाफ धोखाधड़ी और आधिकारिक दस्तावेजों में हेराफेरी का मामला दर्ज किया था।
कोर्ट की सुनवाई और फैसला
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने पूजा खेडकर की याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें अग्रिम जमानत देने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि इस स्तर पर उनकी गिरफ्तारी की आवश्यकता नहीं है, हालांकि मामले की जांच जारी रहेगी। इससे पहले, बॉम्बे हाई कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद वह सुप्रीम कोर्ट पहुंची थीं।
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