29 जुलाई को जमानत से जुड़े 2 याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई। पहली याचिका प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा झारखंड के सीएम हेमंत सुरेन को दी गई जमानत को चुनाई देने वाली है। दूसरी याचिका आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया की है।


28 जून को हेमंत सोरेन को जमानत देने के मामले में जस्टिस बी आर गावई और के वी विश्वनाथन प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका पर सुनवाई करेंगे। 31 जनवरी को झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के प्रमुख हेमंत सोरेन ने अपने गिरफ्तारी से पहले मुख्यमंत्री पद से स्तीफा दिया था। जमानत मिलने पर उन्होंने फिर से 4 जुलाई को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लिया।


ईडी के वकील द्वारा हाई कोर्ट की सुनवाई में कहा गया था कि सोरेन जमानत पर बाहर निकलने पर दोबारा ऐसा अपराध दोहरा सकते हैं। ईडी के वकील के इस बयान का उत्तर देते हुए सोरेन के वकील ने कहा कि ईडी ने सोरेन को झूठे मामले में फसाया है।


दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री सिसोदिया ने जमानत की अर्जी डालते हुए कहा की वह 16 महीनों से जेल में है और पिछले साल अक्टूबर से उनके केस में कोई प्रगति नही हुई है।न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन सिसोदिया की याचिकाओं पर सुनवाई करेंगे। याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सहमति जताते हुए 16 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) तथा ईडी से जवाब मांगा था।

सिसोदिया को 26 फरवरी,2023 को अब रद्द हो चुकी आबकारी नीति 2021-22 के निर्माण और कार्यान्वयन  कथित अनियमितताओं के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। उन्हें ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में 9 मार्च को गिरफ्तार किया था। सिसोदिया ने अपने आबकारी मामले और मनी लॉन्ड्रिंग केस के मामले में कोर्ट में फिर से जमानत की अर्जी डाली है।


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