केंद्र सरकार ने सालों पहले लगाए गए प्रतिबंध को हटा दिया है। यह प्रतिबंध कांग्रेस द्वारा लगाया गया था जिसमे किसी भी सरकारी कर्मचारी द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के किसी भी गतिविधियों में भाग लेने पर प्रतिबंध लगाया था। कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी के इस फैसले की कड़ी निन्दा की है।
भाजपा नेता अमित मालवीय ने एक्स पर ट्वीट करते हुए लिखा की “58 साल पहले, 1966 में जारी असंवैधानिक आदेश, जिसमें सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस की गतिविधियों में भाग लेने पर प्रतिबंध लगाया गया था। मोदी सरकार ने अब इसे वापस ले लिया है।”
उन्होंने आगे कहा कि ” कांग्रेस सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस के गतिविधियों में भाग लेने से 30 नवम्बर 1966 को प्रतिबंध लगाया था। गोहत्या के मामले को लेकर संसद में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन हुआ था। जिसमे पुलिस गोलाबारी में कई लोगों की मौत हुई थी। इस प्रभाव से हिलकर इंद्रा गांधी ने प्रतिबंध लगाया था।”
प्रतिबंध हटाने पर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया में बयान देते हुए कहा कि ” श्री नरेन्द्र मोदी ने इस प्रतिबंध को हटा दिया है और मैं उनका अभिनंदन करता हूं। अब केंद्र सरकार के कर्मचारी आरएसएस के गतिविधियों में भाग ले सकेंगे।”
उन्होंने कहा कि ” यह कोई मामूली संघ नही है, यह संघ देश के परिश्रमी, चरित्रवान, कर्मठ और ईमानदार लोगों को तैयार करता है। इस संघ की गतिविधियों में भाग लेने वाले लोग जो करते हैं अपने देश और समाज के लिए करते हैं। इस फैसले का लाभ पूरे देश को होगा। मै इस फैसले का अभिनंदन करता हूं।”
आईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी मीडिया को बयान दिया है कि ” आरएसएस पर प्रतिबंध इसलिए लगाया गया था क्योंकि उसने संविधान, राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। अगर केंद्र सरकार द्वारा ये फैसला लिया गया है तो यह देश की एकता और अखंडता के खिलाफ है।
यह फैसला 9 जुलाई 2024 से पूरे देश में लागू किया जाएगा।
Read: Bihar: बिहार को फिल्म निर्माण का केंद्र बनाने की दिशा में उठाया बड़ा कदम
Visit: https://www.instagram.com/the.untoldmedia/
Discover more from The Untold Media
Subscribe to get the latest posts sent to your email.