वायनाड के मेपड्डी छेत्र में हुए भूस्खलन के कारण प्राण गवाने वालों की संख्या अब बढ़ कर 147 तक पहुंच गई है। मेपड्डी छेत्र में 48 घंटों में 572 mm की मुश्लाधार वर्षा होने के कारण 30 जुलाई को उस छेत्र में 2 घंटे में दो भूस्खलन हुए। 196 लोगों की घायल होने की आशंका जताई जा रही है। 98 लोग हैं लापता।


वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने एक्स पर ट्वीट कर बताया कि “प्रियंका और मैं कल भूस्खलन से प्रभावित परिवारों से मिलने और स्थिति का जायजा लेने के लिए वायनाड जाने वाले थे। हालांकि, लगातार बारिश और प्रतिकूल मौसम की स्थिति के कारण हमें अधिकारियों द्वारा सूचित किया गया है कि हम उतर नहीं पाएंगे।
मैं वायनाड के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम जल्द से जल्द वहां जाएंगे। इस बीच, हम स्थिति पर बारीकी से नजर रखेंगे और सभी आवश्यक सहायता प्रदान करेंगे।इस कठिन समय में हमारी संवेदनाएं वायनाड के लोगों के साथ हैं।”

एनडीआरएफ के कमांडर अखिलेश कुमार ने मीडिया को बयान देते हुए कहा कि “हमने कल मुंदक्कई गांव से घायल पीड़ितों को बचाया। हमें डर है कि पीड़ित ढही हुई इमारतों में फंसे हो सकते हैं।कल रात 10 बजे तक, हमने 70 लोगों को बचाया, जिसके बाद हमें खराब मौसम और बारिश के कारण काम रोकना पड़ा। चूंकि कई टीमें काम कर रही हैं, इसलिए हम मौतों की सही संख्या नहीं बता सकते, क्योंकि हमें केवल उन शवों के बारे में पता है जिन्हें हमारी टीम ने बरामद किया है। लोगों को नदी के दूसरी तरफ एक रिसॉर्ट और एक मस्जिद में शरण दी गई है। चूंकि बारिश हो रही है, इसलिए फिर से भूस्खलन की संभावना है।” (ANI)


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