भारत में जातिगत जनगणना का मुद्दा एक बार फिर से सुर्खियों में है, खासकर तब जब देश में सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में बहस तेज हो रही है। इस संदर्भ में, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना की वकालत करते हुए एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने इसे सामाजिक न्याय की दिशा में एक आवश्यक कदम बताया और देश के 90% बहुजन समुदायों को विकास और अवसरों में शामिल करने की बात कही। राहुल गांधी के इस बयान ने राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्रों में एक नई चर्चा को जन्म दिया है, जहां जातिगत जनगणना को लेकर कई सवाल और चिंताएँ उठाई जा रही हैं।

जातिगत जनगणना के लाभ

राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में कहा कि जातिगत जनगणना केवल जनसंख्या की गिनती का कार्य नहीं करेगी, बल्कि यह सामाजिक न्याय के लिए एक ठोस नीति ढांचा तैयार करेगी। उन्होंने संविधान का हवाला देते हुए कहा कि यह हर भारतीय को न्याय और समानता का वादा करता है, लेकिन आज की वास्तविकता यह है कि देश की 90% आबादी को विकास और अवसरों से वंचित रखा गया है। गांधी ने उदाहरण देते हुए कहा, “ये 90% बहुजन – जिसमें दलित, आदिवासी, ओबीसी, अल्पसंख्यक और सामान्य जातियों के गरीब लोग शामिल हैं, मेहनती और कुशल हैं। उन्हें अवसरों से बाहर रखना, मानो 10-सिलेंडर इंजन के 9 सिलेंडर बंद करने के बराबर है – इससे देश बहुत आगे नहीं बढ़ सकेगा।”

संविधान के दिशा-निर्देश और जनगणना का महत्व

उन्होंने आगे कहा कि जैसे संविधान ने सामाजिक न्याय की दिशा में मार्गदर्शन किया, वैसे ही एक व्यापक सामाजिक-आर्थिक जातिगत जनगणना आज हमारा मार्गदर्शक बन सकती है। यह जनगणना एक एक्स-रे की तरह यह बताएगी कि किसके पास संपत्ति और संसाधनों की पहुंच है, कौन सबसे अधिक हाशिए पर है, और किन परिवारों के पास बुनियादी सुविधाओं और अवसरों की कमी है। यह जनगणना यह भी दिखाएगी कि हमारे देश की संस्थाओं में कौन-कौन प्रतिनिधित्व कर रहा है और कौन नहीं।

आंकड़ों का उपयोग और भविष्य की दिशा

राहुल गांधी ने कहा कि इस जनगणना से प्राप्त आंकड़े दीर्घकालिक मुद्दों को हल करने में सहायक होंगे। उदाहरण के लिए, आरक्षण पर लगाए गए 50% की सीमा को बदलने की जरूरत होगी ताकि सभी समुदायों का उचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जा सके।

आंकड़ों का उपयोग और भविष्य की दिशा

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि वे भारत की जनता की आवाज़ को सुनें और इस महत्वपूर्ण जनगणना को जल्द लागू करें। गांधी ने चेतावनी दी कि अगर मोदी इसे लागू नहीं करते, तो अगला प्रधानमंत्री इसे अवश्य लागू करेगा।

राहुल गांधी का यह बयान जातिगत जनगणना की आवश्यकता और महत्व को स्पष्ट करता है, और यह दर्शाता है कि कांग्रेस पार्टी इसे सामाजिक न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम मानती है।

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By Sumedha