बाबा बैद्यनाथ की नगरी देवघर में पिछले 22 वर्षों से महाशिवरात्रि के अवसर पर निकाली जाने वाली शिव महाबारात इस बार अलग अंदाज में निकलेगी। आम तौर पर महाशिवरात्रि महोत्सव समिति द्वारा आयोजित इस परंपरागत शिव बारात को लेकर इस वर्ष दो समितियों में तनातनी देखी जा रही थी। एक ओर महाशिवरात्रि महोत्सव समिति थी, जिसकी कमान पिछले साल से अभिषेक झा के हाथों में है, तो दूसरी ओर शिव बारात समिति थी, जिसका नेतृत्व बाबा बलियासे कर रहे थे। बाबा बलियासे गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे के करीबी माने जाते हैं।
समिति के इस आपसी मतभेद को देखते हुए राज्य सरकार ने इस वर्ष शिव महाबारात की कमान पर्यटन विभाग को सौंप दी है। जिला उपायुक्त विशाल सागर ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि इस बार शिव बारात पूरी तरह से सरकारी आयोजन के तहत निकाली जाएगी। इसके लिए पर्यटन विभाग, विभिन्न एनजीओ और प्रबुद्ध नागरिकों का सहयोग लिया जाएगा।
22 वर्षों से चली आ रही है परंपरा, इस बार हुआ विवाद
देवघर में हर साल महाशिवरात्रि पर शिव महाबारात का आयोजन किया जाता है, जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं। इस बार शिव महाबारात दो गुटों में बंट गई थी। एक ओर महाशिवरात्रि महोत्सव समिति थी, जिसे देवघर नगर निगम के प्रथम महापौर राज नारायण खवाड़े उर्फ बबलू खवाड़े ने 1994 में शुरू किया था और पिछले साल से इसकी कमान अभिषेक झा संभाल रहे हैं। दूसरी ओर शिव बारात समिति थी, जिसका नेतृत्व बाबा बलियासे कर रहे थे।
दोनों ही गुटों ने अपने-अपने स्तर पर शिव बारात निकालने की तैयारियां शुरू कर दी थीं, जिससे शहर में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। स्थिति को संभालने के लिए जिला प्रशासन को हस्तक्षेप करना पड़ा, और अंततः राज्य सरकार ने इस बार शिव बारात का आयोजन पर्यटन विभाग को सौंप दिया।
पर्यटन विभाग करेगा आयोजन, भव्यता पर रहेगा जोर
जिला उपायुक्त विशाल सागर ने कहा कि इस बार शिव महाबारात को यादगार बनाने के लिए पर्यटन विभाग के सहयोग से इसे भव्य रूप दिया जाएगा। इसके लिए विभिन्न सामाजिक संस्थाओं, प्रबुद्ध नागरिकों और स्वयंसेवी संगठनों का सहयोग लिया जाएगा।
शहर को भव्य तरीके से सजाने की योजना बनाई गई है। पूरे मार्ग को रंगीन विद्युत बल्बों से रोशन किया जाएगा। झांकियों को विशेष रूप से आकर्षक बनाया जाएगा, ताकि भक्तों को एक अद्भुत अनुभव मिल सके। उपायुक्त ने कहा कि शिव महाबारात के आयोजन का उद्देश्य देवघर की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देना है।
आगामी 26 फरवरी को महाशिवरात्रि का पर्व है, जिसे लेकर जिला प्रशासन तैयारियों में जुटा हुआ है। उपायुक्त विशाल सागर ने बताया कि इस अवसर पर ढाई से तीन लाख श्रद्धालुओं के देवघर पहुंचने की उम्मीद है।
भारी भीड़ को नियंत्रित करने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन ने विशेष योजनाएं बनाई हैं। मंदिर परिसर और रूट लाइन में दंडाधिकारी और पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बल तैनात किए जाएंगे। इसके अलावा बम डिस्पोजल स्क्वाड, एटीएस टीम, डॉग स्क्वाड और क्यूआरटी (क्विक रिस्पॉन्स टीम) को सिविल ड्रेस में विभिन्न स्थानों पर तैनात किया जाएगा।
शिवगंगा सरोवर में श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एनडीआरएफ की टीम भी तैनात रहेगी। उपायुक्त ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है, और उन्हें सुगम व सुरक्षित जलार्पण कराने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
कोविड के बाद पहली बार निकलेगी शिव बारात
गौरतलब है कि कोविड-19 महामारी के कारण कुछ वर्षों तक शिव बारात का आयोजन नहीं हो सका था। अब, जब स्थिति सामान्य हो गई है, तो दो समितियों के बीच बारात निकालने को लेकर विवाद पैदा हो गया था।
गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे पिछले दो वर्षों से बाबाधाम की शिव बारात निकालने में विशेष रुचि दिखा रहे थे, वहीं अभिषेक आनंद झा के नेतृत्व वाली महाशिवरात्रि महोत्सव समिति भी आयोजन की जिम्मेदारी अपने पास रखना चाहती थी। इस विवाद के बीच राज्य सरकार को हस्तक्षेप करना पड़ा, और अंततः पर्यटन विभाग को आयोजन की जिम्मेदारी सौंप दी गई।
राज्य सरकार द्वारा शिव बारात के आयोजन की जिम्मेदारी पर्यटन विभाग को सौंपे जाने के बाद श्रद्धालुओं में उत्साह का माहौल है। भक्तों को उम्मीद है कि इस बार शिव बारात पहले से कहीं ज्यादा भव्य होगी और उन्हें बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
पर्यटन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इस बार झांकियों की संख्या बढ़ाई जाएगी और आयोजन को इस तरह से किया जाएगा कि आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
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