Tulsi Pujan Diwas 2024: पूजा विधि, मंत्र और शुभ मुहूर्त जानकर बनाएं इसे खास!

By
On:
Follow Us
Button

भारत एक ऐसा देश है, जहां हर परंपरा और त्योहार में प्रकृति के प्रति आस्था और प्रेम झलकता है। इन्हीं परंपराओं में से एक है तुलसी पूजन दिवस (Tulsi Pujan Diwas 2024), जो हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है। यह दिन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और स्वास्थ्य जागरूकता का संदेश भी देता है। तुलसी, जिसे “जड़ी-बूटियों की रानी” कहा जाता है, भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। तुलसी पूजन दिवस (Tulsi pujan diwas 2024) हमें प्रकृति से जुड़ने और उसके महत्व को समझने का अद्भुत अवसर प्रदान करता है।

Tulsi pujan diwas 2024: तुलसी का धार्मिक महत्व

तुलसी का पौधा भारतीय धार्मिक ग्रंथों में देवी के रूप में पूजनीय है। इसे विष्णु प्रिया और लक्ष्मी स्वरूपा माना गया है। धार्मिक मान्यता है कि तुलसी पूजन (Tulsi Pujan Diwas 2024) से जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि आती है। तुलसी विवाह और तुलसी पूजन जैसे आयोजनों में यह दिखाया गया है कि यह पौधा न केवल देवताओं का प्रिय है, बल्कि यह मानव जीवन के लिए भी अमूल्य है।

पुराणों में वर्णित कथा के अनुसार, तुलसी को भगवान विष्णु ने वरदान दिया था कि वह सभी घरों में पूजी जाएंगी। यही कारण है कि तुलसी का पौधा लगभग हर हिंदू घर के आंगन में पाया जाता है। इसे नित्य पूजा में शामिल किया जाता है, और इसे धार्मिक अनुष्ठानों में पवित्रता का प्रतीक माना जाता है।

Tulsi pujan diwas 2024 का महत्व

तुलसी पूजन दिवस (Tulsi pujan diwas 2024) केवल धार्मिक अनुष्ठानों तक सीमित नहीं है। यह दिन प्रकृति और पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारी को याद दिलाता है। आज के समय में, जब पर्यावरण संकट और प्रदूषण हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव डाल रहे हैं, तुलसी जैसे पौधों का महत्व और भी बढ़ गया है। तुलसी न केवल पर्यावरण को शुद्ध करती है, बल्कि इसका संरक्षण हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए भी जरूरी है।
इस दिन लोग अपने घरों में तुलसी के पौधे की पूजा करते हैं। दीप जलाकर तुलसी माता को अर्पित किया जाता है। कई जगहों पर सामूहिक पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जहां लोग तुलसी और अन्य औषधीय पौधे लगाते हैं। यह दिवस प्रकृति के प्रति हमारी कृतज्ञता और उसके संरक्षण का प्रतीक बन गया है।

तुलसी का वैज्ञानिक और औषधीय महत्व

तुलसी का महत्व केवल धार्मिक मान्यताओं (Tulsi Pujan Diwas 2024) तक सीमित नहीं है; इसका औषधीय और वैज्ञानिक दृष्टिकोण भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। आयुर्वेद में तुलसी को अमृत के समान बताया गया है। यह पौधा एंटीबायोटिक, एंटीवायरल और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर है। तुलसी के पत्ते सर्दी, खांसी, बुखार और अन्य संक्रमणों के इलाज में उपयोगी हैं।

आधुनिक विज्ञान भी तुलसी के महत्व को मान्यता देता है। शोध के अनुसार, यह पौधा वायु को शुद्ध करने और तनाव कम करने में सहायक है। इसके नियमित सेवन से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा कम होता है। तुलसी के औषधीय गुण न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए, बल्कि पर्यावरण के लिए भी लाभकारी हैं।

Tulsi Pujan Diwas 2024

तुलसी पूजन कैसे करें?

तुलसी पूजन सरल विधि से किया जा सकता है।

1. तुलसी के पौधे को स्वच्छ स्थान पर रखें या पहले से लगे पौधे की सफाई करें।

2. तुलसी के पौधे पर जल चढ़ाएं।

3. तुलसी माता को फूल, अक्षत (चावल), हल्दी, और कुमकुम अर्पित करें।

4. दीपक जलाकर तुलसी के चारों ओर परिक्रमा करें।

5. तुलसी स्तुति और मंत्रों का जाप करें।


Tulsi Pujan Diwas 2024: करें इन मंत्रों का जाप

तुलसी पूजन के दौरान इन मंत्रों का उच्चारण करना शुभ माना जाता है:

1. तुलसी स्तुति मंत्र:
“त्वं लक्ष्मीः च विद्या च, त्वं श्रीः च जगतां धराः।
त्वं विष्णुप्रिया देवि, नमस्ते तुलसी शुभे।”

2. तुलसी आरती मंत्र:
“जय जय तुलसी माता, जय हरि विष्णु प्रिय।
सदा रहो मेरे अंगना, कृपा करो हरि हरि माई।”

इस वर्ष तुलसी पूजन के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 8:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक है। हालांकि, तुलसी पूजन सूर्यास्त के बाद भी किया जा सकता है, जब पूजा का विशेष महत्व माना जाता है।

ग्लोबल वॉर्मिंग और बढ़ते प्रदूषण के समय में तुलसी पूजन दिवस का महत्व और भी बढ़ गया है। तुलसी का पौधा पर्यावरण को शुद्ध करता है और वायुमंडल से हानिकारक तत्वों को हटाता है। इसके औषधीय गुण न केवल स्वास्थ्य के लिए, बल्कि पूरे वातावरण के लिए लाभकारी हैं।

तुलसी पूजन दिवस (Tulsi Pujan Diwas 2024) न केवल भारतीय संस्कृति और धर्म का प्रतीक है, बल्कि यह पर्यावरण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का भी संदेश देता है। तुलसी की पूजा हमें यह सिखाती है कि हमारी परंपराएं न केवल आस्था पर आधारित हैं, बल्कि उनमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण भी छिपा है।

25 दिसंबर का दिन, जो क्रिसमस और तुलसी पूजन दिवस दोनों को साथ लेकर आता है, भारतीय और पश्चिमी परंपराओं के संगम का प्रतीक है। आइए, इस दिन हम सभी अपने घरों में तुलसी का पौधा लगाएं, उसकी पूजा करें और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाएं।

Also read: Merry Christmas 2024: दुनियाभर में एकता और खुशी का प्रतीक

Visit: https://youtube.com/@TheUntoldMedia


Discover more from The Untold Media

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

For Feedback - [email protected]
WhatsApp Group Join Now

Leave a Reply