NASA का *Europa Clipper* मिशन आज 14 अक्टूबर 2024 को फ्लोरिडा के कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र से अपनी पहली उड़ान भरेगा |इस मिशन को सफल बनाने के लिए SpaceX के  फाल्कन हेवी रॉकेट का उपयोग किया जाएगा जिसका उद्देश्‍य Jupiter के बर्फीले चंद्रमा Europa की विस्‍तृत जांच करना है |

वैज्ञानिको के अनुसर Europa की बर्फीली सतह के निचे एक विशाल खारे पानी का महासागर छुपे होने की संभावना है जिसे यह चंद्रमा हमारे सौर मंडल (solar system )में जीवन की संभावनाओं को बढ़ाता है तथा निरिक्षण के लिए एक महतवपूर्ण स्थान बन चूका है |


हाल में ही आए तूफान मिल्टन के कारण मिशन को कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया गया था लेकिन अब सभी तैयारियां पूरी हो चुकी है तथा इस मिशन के प्रक्षेपण  का समय दोपहर 12:06 eastern time  निर्धारित किया गया है | इस रॉकेट को Jupiter तक पहुंचने में लगभग 6 वर्ष का समय लगेगा यानि 2030 तक या अपने लक्ष्य को हासिल करेगा | वहां पहुंचने के बाद यह मिशन Europa की सतह की बारीकी से निरीक्षण करेगा जिससे इसकी बर्फीली परत (जो 25 किलोमीटर मोटी है), महासागर और जीवन की संभावनाओं की जांच की जाएगी |


Planetary Microbiologist *Mark Fox-Powell*  कहते है कि यदि “हम सूर्य से इतनी दूर जीवन की खोज करते हैं, तो इसका अर्थ होगा कि पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति अलग से हुई है।”

वे कहते हैं, “यह बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यदि हमारे सौर मंडल में ऐसा दो बार होता है, तो इसका अर्थ यह हो सकता है कि जीवन वास्तव में आम है।”


यह Europa हमारे पृथ्वी से 628 मिलियन किलोमीटर की दूरी पर है तथा हमारे चंद्रमा से थोड़ा सा ही बड़ा है | यदि यह हमारे आसमान में होता है तो यह पाँच गुना अधिक चमकीला होता है क्योंकि पानी की बर्फ सूर्य की रोशनी को अधिक मात्रा में परिवर्तित करती |


इस मिशन की पूर्ति के लिए विभिन्न उपकरणों का इस्तेमाल किया जाएगा | यह मिशन का महत्व है इसलिए भी अधिक है क्योंकि यह NASA का पहला समर्पित प्रयास है जो पृथ्वी के बाहर किसी महासागर की दुनिया का अध्ययन करेगा |


प्रोफेसर फॉक्स-पॉवेल का सुझाव है कि ऐसे समय में जब लगभग हर सप्ताह कोई न कोई अंतरिक्ष प्रक्षेपण होता है, यह मिशन कुछ अलग वादा करता है।


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