नई दिल्ली: संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू होने जा रहा है। जिसमें सरकार वक्फ संशोधन विधेयक सहित 15 महत्वपूर्ण विधेयक पेश करने की तैयारी में है। सत्र से पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में एक सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें सभी दलों के नेताओं ने सत्र को सुचारू रूप से चलाने और विपक्ष की चिंताओं पर चर्चा की।
बैठक के दौरान विभिन्न दलों के नेताओं ने रचनात्मक संवाद और द्विदलीय सहयोग पर जोर दिया। रक्षा मंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार विधायी मामलों में व्यापक विचार-विमर्श और सहमति बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले 15 विधेयकों में वक्फ संशोधन विधेयक सबसे अधिक चर्चा का विषय है। इस विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को पारदर्शी बनाना और प्रशासन में सुधार करना है। हालांकि, विपक्षी दलों ने अल्पसंख्यक अधिकारों पर इसके प्रभाव को लेकर आपत्ति जताई है और विधेयक पर विस्तृत बहस की मांग की है।
इसके अलावा, श्रम कानूनों में सुधार, कंपनी अधिनियम में संशोधन और डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक जैसे अन्य महत्वपूर्ण विधेयक भी शामिल हैं। यह विधेयक व्यक्तिगत गोपनीयता और आर्थिक-सुरक्षा जरूरतों के बीच संतुलन बनाने का प्रयास करेगा।
विधायी कार्यों के साथ-साथ सत्र के दौरान महंगाई, बेरोजगारी, सीमा सुरक्षा और पर्यावरणीय चुनौतियों जैसे प्रमुख राष्ट्रीय मुद्दों पर बहस होने की संभावना है। विपक्ष ने पहले ही मणिपुर संकट और वैश्विक आर्थिक अस्थिरता पर सरकार की नीतियों को लेकर सवाल उठाने का संकेत दिया है।
सूत्रों के अनुसार, सरकार इस सत्र का उपयोग अपने सुधार एजेंडे को आगे बढ़ाने और विपक्ष की चिंताओं का समाधान करने के लिए करना चाहती है। संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा, “सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है, जो राष्ट्रहित में हो।”
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