वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज (शनिवार) को सुबह 11 बजे, लगातार आठवीं बार केंद्रीय Budget 2025 पेश करने जा रही हैं। यह बजट पेश करने के साथ ही सीतारमण पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के रिकॉर्ड के करीब पहुंच जाएंगी, जिन्होंने अपने वित्त मंत्री कार्यकाल (1959-1964) में 6 और 1967-1969 के दौरान 4 बजट पेश किए थे। यह बजट आर्थिक सुस्ती, महंगाई और वेतन वृद्धि में ठहराव से जूझ रहे मध्यम वर्ग के लिए राहत ला सकता है, साथ ही सरकार की वित्तीय विवेकशीलता बनाए रखने की भी कोशिश होगी।
पिछले कुछ सालों में भारतीय अर्थव्यवस्था ने कई चुनौतियों का सामना किया है। वैश्विक बाजार में अनिश्चितता, नई व्यापार नीतियां और बदलते भू-राजनीतिक समीकरण भारत की आर्थिक नीतियों पर असर डाल रहे हैं। अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में भारत समेत कई देशों पर नए टैरिफ लगाने की धमकी दी है, जिससे वैश्विक व्यापार जगत में हलचल मच गई है। ऐसे में भारत को आत्मनिर्भर बनाने और घरेलू उद्योगों को मजबूती देने के लिए इस Budget 2025 में ठोस कदम उठाने की जरूरत होगी।
Budget 2025: मध्यम वर्ग के लिए क्या लाएगा बजट?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट से ठीक पहले मां लक्ष्मी से प्रार्थना करते हुए कहा, “मैं मां लक्ष्मी से प्रार्थना करता हूं कि गरीबों और मध्यम वर्ग को उनका आशीर्वाद मिले।” इस बयान के बाद यह कयास तेज हो गए हैं कि इस बार सरकार मध्यम वर्ग के लिए खास राहत ला सकती है।
मध्यम वर्ग की सबसे बड़ी चिंता आयकर है, और इस बार उम्मीद की जा रही है कि वित्त मंत्री आयकर छूट की सीमा में बढ़ोतरी कर सकती हैं। पुरानी कर व्यवस्था में छूट सीमा को ₹2.50 लाख से बढ़ाने की मांग लंबे समय से की जा रही है, जबकि नई कर व्यवस्था में भी राहत की उम्मीद की जा रही है। इसके अलावा, होम लोन पर ब्याज दरों में छूट बढ़ाने और मानक कटौती (स्टैंडर्ड डिडक्शन) में वृद्धि की संभावनाएं भी बनी हुई हैं।
ग्रामीण भारत को नई दिशा देने की तैयारी
भारत की आर्थिक मजबूती का आधार उसके गांव हैं, और सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई बड़े कदम उठा सकती है। छोटे किसानों और ग्रामीण उद्यमियों को सशक्त बनाने के लिए माइक्रोफाइनेंस संस्थानों और स्वयं सहायता समूहों (SHGs) के जरिए आसान लोन की व्यवस्था की जा सकती है। इससे ग्रामीण इलाकों में स्वरोजगार को बढ़ावा मिलेगा और लोगों को शहरों की ओर पलायन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सरकार डिजिटल बैंकिंग को गांवों तक पहुंचाने की कोशिशों में भी तेजी ला सकती है, जिससे ग्रामीण इलाकों में छोटे और मझोले कारोबारियों को वित्तीय सहायता मिल सके।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में भारत की नई छलांग
Budget 2025 में एक और बड़ा फोकस क्षेत्र आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) हो सकता है। हाल ही में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में AI को लेकर बड़ी चर्चाएं हुईं, जहां दुनिया भर के विशेषज्ञों ने इसे भविष्य की तकनीक करार दिया। चीन के DeepSeek नामक कम लागत वाले लेकिन बेहद प्रभावी AI मॉडल ने वैश्विक बाजार में हलचल मचा दी है।
ऐसे में भारत भी इस दौड़ में पीछे नहीं रहना चाहता। इस बजट में AI से जुड़ी स्टार्टअप कंपनियों को सरकार की ओर से बड़ा प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है। AI आधारित रिसर्च और डेवलपमेंट को बढ़ावा देने के लिए विशेष अनुदान दिए जा सकते हैं, जिससे भारत इस क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सके। शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों में AI के इस्तेमाल को बढ़ाने के लिए भी सरकार नई योजनाओं की घोषणा कर सकती है।
Budget 2025 से कितनी पूरी होंगी उम्मीदें?
Budget 2025 केवल एक आर्थिक दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह भारत के भविष्य की दिशा तय करने वाला कदम भी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के सामने चुनौती केवल संतुलित बजट पेश करने की नहीं है, बल्कि एक ऐसा विजन देने की भी है जो भारत को आत्मनिर्भर बनाए, निवेश को आकर्षित करे और देश के हर वर्ग को फायदा पहुंचाए।
क्या इस बजट में मध्यम वर्ग को बड़ी राहत मिलेगी? क्या भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था में अपनी स्थिति और मजबूत कर पाएगा? और सबसे बड़ी बात, क्या यह बजट भारत को 2047 तक एक विकसित देश बनाने की दिशा में सही कदम साबित होगा? इन सभी सवालों का जवाब आज संसद में मिलेगा, जब वित्त मंत्री अपना बहुप्रतीक्षित बजट पेश करेंगी
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