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लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, संगीत जगत में शोक की लहर

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बिहार की सुर सम्राज्ञी और लोक संगीत की अनमोल धरोहर, पद्म भूषण शारदा सिन्हा का आज दिल्ली के एम्स में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। 72 वर्षीय शारदा सिन्हा ने अपनी संगीतमय यात्रा में न केवल मैथिली और भोजपुरी लोकगीतों को जन-जन तक पहुंचाया, बल्कि उन्होंने भारतीय लोक संगीत को एक नई ऊंचाई दी। उनकी आवाज़ की मिठास और गीतों की सरलता ने पूर्वांचल की आत्मा को शब्दों और सुरों में बाँध दिया था। इस बार छठ महापर्व पर उनकी अनुपस्थिति भक्तों के मन को गहरे भावुकता में डुबो देगी।

उनके पुत्र अंशुमन ने नम आँखों से कहा, “माँ को छठी मइया ने अपने पास बुला लिया।” माँ का अंतिम समय में संघर्ष उनकी गहरी सांस्कृतिक लगन की प्रतिछाया थी। उनके निधन के साथ ही लोकगीतों की वह आत्मा भी मौन हो गई है, जो हर पर्व पर लोगों के ह्रदयों को जीवंत कर देती थी।

शारदा सिन्हा के निधन पर बिहार से लेकर पूरे देश के संगीत प्रेमियों में शोक की लहर है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने X अकाउंट में उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए लिखा, “उनका निधन संपूर्ण संगीत जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने अपने उत्कृष्ट गायन के माध्यम से लोक संस्कृति को राष्ट्रीय पटल पर सम्मान दिलाया। अमित साहा ने X पर पोस्ट किया, “अपनी मधुर आवाज़ से पाँच दशकों से अधिक समय तक भारतीय संगीत को नई ऊँचाई देने वाली शारदा सिन्हा जी के निधन से अत्यंत दुःखी हूँ। उनके गीतों की धुन और सुर लोगों के मन में हमेशा गूंजते रहेंगे।”

शारदा सिन्हा के गीतों में बसती थी लोक संस्कृति की सजीवता। ‘कहे तोसे सजना’ जैसे लोक गीतों से लेकर ‘सासर गेलै मइया’ और ‘पीले पीले ओटे’ जैसे छठ गीतों तक, उनकी आवाज़ ने लोक परंपरा को जीवन्त रखा। बॉलीवुड में उनके गाए गीतों ने भी उन्हें अमर बना दिया, जिनमें ‘मैंने प्यार किया’ और ‘हम आपके हैं कौन’ के गीतों ने श्रोताओं का मन मोह लिया।

उनके निधन से यह महसूस होता है कि जैसे लोक संगीत का एक पूरा अध्याय अपने साथ ले गईं। वह सिर्फ गाने नहीं गाती थीं, बल्कि हर सुर में लोक जीवन के रंगों को पिरो देती थीं। इस वर्ष छठ महापर्व पर उनकी अनुपस्थिति का एहसास उस शून्यता का प्रतीक होगा, जिसे शायद कभी नहीं भरा जा सकता। शारदा सिन्हा का जाना न केवल उनके परिवार, बल्कि समूचे संगीत जगत के लिए एक गहरी क्षति है। उनके गीतों की धुनों में गूंजती यादें हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेंगी।

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