शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को जमानत दे दी। वह शराब घोटाले में भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के कारण जेल में थे। आम आदमी पार्टी (आप) ने मनीष सिसोदिया के जमानत को “सच्चाई की जीत” कहा।
आप नेता करीब पिछले 18 महीनों से जेल में हैं। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन ने अपने फैसले में कहा कि मुकदमे में महत्वपूर्ण प्रगति के बिना श्री सिसोदिया की कैद को जारी रखना “न्याय का मखौल” होगा। न्यायमूर्ति गवई ने यह भी कहा की सिसोदिया 18 महीनो से कैद में है और सुनवाई अभी शुरू भी नहीं हुई है।” उन्होंने आगे कहा की “अपीलकर्ता को त्वरित सुनवाई के अधिकार से वंचित कर दिया गया है। ट्रायल कोर्ट और हाई कोर्ट को इस पर उचित महत्व देना चाहिए था।”
2021-22 के लिए दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में अनियमितताओं में उनकी कथित भूमिका के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 26 फरवरी, 2023 को सिसोदिया को हिरासत में ले लिया था।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन्हें सीबीआई की एफआईआर से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत 9 मार्च, 2023 को गिरफ्तार किया था। उन्होंने 28 फरवरी, 2023 को दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था।
राज्य सभा सांसद संजय सिंह ने जमानत पर बोला की “यह फैसला केंद्र की तानाशाही पर तमाचा है। वह 17 महीने तक जेल में रहे। उन महीनों में उनका जीवन नष्ट हो गया। वह उस दौरान बच्चों की शिक्षा के लिए काफी काम कर सकते थे।” मैं इस फैसले के लिए सुप्रीम कोर्ट के सामने सिर झुकाता हूं।’
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