मुंबई के किंग एडवर्ड मेमोरियल (KEM) अस्पताल में कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए दो मरीजों की मौत हो गई, लेकिन अस्पताल प्रशासन और बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) ने स्पष्ट किया कि ये मौतें कोरोना वायरस की वजह से नहीं, बल्कि मरीजों की पहले से मौजूद गंभीर बीमारियों के कारण हुईं।
केईएम अस्पताल के सूत्रों के अनुसार, मृतकों में एक 14 साल की किशोरी थी, जो नेफ्रोटिक सिंड्रोम (गुर्दे की गंभीर बीमारी) से पीड़ित थी और उसकी किडनी फेल हो गई थी। दूसरी मरीज 54 साल की एक महिला थी, जो ओरल कैंसर के इलाज से गुजर रही थी। अस्पताल ने बताया कि दोनों की मौत उनकी अंदरूनी बीमारियों की वजह से हुई, न कि कोविड-19 से।
भारत में कोविड की स्थिति: कितनी चिंता की बात
इस घटना के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल ही में कोविड-19 की वैश्विक स्थिति पर एक बैठक की। सिंगापुर और हांगकांग में मामले बढ़ने की खबरों के बाद विशेषज्ञों ने समीक्षा की, लेकिन पाया कि वहां भी ज्यादातर मामले हल्के हैं और अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ रही।
भारत में 19 मई तक सिर्फ 257 सक्रिय मामले दर्ज किए गए हैं, जो देश की विशाल आबादी के लिहाज से बेहद कम हैं। इनमें से ज्यादातर मामले माइल्ड हैं और किसी को भी अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ी।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि भारत के पास इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम (IDSP) और ICMR की मजबूत निगरानी प्रणाली है, जो कोविड-19 समेत सभी श्वसन संबंधी बीमारियों पर नजर रखती है। अभी भारत में कोविड-19 की स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन पुरानी बीमारियों से पीड़ित लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
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